वैष्णो देवी में भूस्खलन की घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 34 हो गई है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में पर्वतीय क्षेत्र में स्थित वैष्णो देवी मंदिर के मार्ग पर एक दिन पहले भूस्खलन हुआ था। अधिकारियों ने कहा कि लगातार और भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन में कम से कम 20 लोग घायल हो गए। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को सवाल किया कि जब खराब मौसम की चेतावनी दी गई थी, तो अधिकारियों ने वैष्णो देवी तीर्थयात्रियों को मार्ग पर जाने से क्यों नहीं रोका।
मंगलवार को अपराह्न करीब तीन बजे भूस्खलन हुआ और पहाड़ की ढलान से पत्थर, शिलाखंड और चट्टानें नीचे गिरने लगीं। इससे बेखबर लोग इसकी चपेट में आ गए। घटना के बाद वैष्णो देवी मंदिर की तीर्थयात्रा स्थगित कर दी गई। मृतकों में से अब तक 24 की पहचान हो चुकी है। इनमें से 14 महिलाएं हैं। कुछ तीर्थयात्री राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, पंजाब और महाराष्ट्र के रहने वाले थे। अज्ञात 10 शवों में से चार महिलाओं के हैं।
कटरा से मंदिर तक की 12 किलोमीटर की यात्रा के लगभग आधे रास्ते में एक स्थान पर भूस्खलन हुआ। मंदिर तक जाने के दो मार्ग हैं, जिसमें हिमकोटि पैदल मार्ग पर सुबह से यात्रा स्थगित कर दी गई थी, जबकि पुराने मार्ग पर अपराह्न डेढ़ बजे तक यात्रा जारी थी। हालांकि, अधिकारियों ने मूसलाधार बारिश को देखते हुए यात्रा अगले आदेश तक स्थगित करने का फैसला किया।
बुधवार को जम्मू में उफनती नदियों के जलस्तर में कमी के संकेत मिले, लेकिन अनंतनाग और श्रीनगर में झेलम नदी बाढ़ की चेतावनी के निशान को पार कर गई और पानी कई आवासीय क्षेत्रों में घुस गया। अधिकारियों ने निवासियों को आश्वस्त किया कि वे स्थिति पर नजर रख रहे हैं और लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है।
अधिकारियों ने बताया कि लगातार भारी बारिश ने केंद्र शासित प्रदेश में भारी तबाही मचाई। बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा, पुल ढह गए और मोबाइल टावर और बिजली के खंभे क्षतिग्रस्त हो गए। दूरसंचार सेवाएं भी 22 घंटे से अधिक समय तक ठप रहने के बाद आंशिक रूप से बहाल हो गईं।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला जम्मू पहुंचे
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को सवाल किया कि जब खराब मौसम की चेतावनी दी गई थी, तो अधिकारियों ने वैष्णो देवी तीर्थयात्रियों को मार्ग पर जाने से क्यों नहीं रोका। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला स्थिति की समीक्षा करने के लिए श्रीनगर से जम्मू पहुंचे।
अब्दुल्ला ने यहां पत्रकारों से कहा कि हमें इसके बारे में बाद में बात करनी होगी। जब हमें मौसम के बारे में पता था, तो क्या हमें उन लोगों की जान बचाने के लिए कुछ कदम नहीं उठाने चाहिए थे? मौसम की चेतावनी हमें कुछ दिन पहले ही मिल गई थी।’’
उन्होंने अधिकारियों से सवाल किया कि ये लोग यात्रा मार्ग पर क्यों थे? उन्हें क्यों नहीं रोका गया? उन्हें सुरक्षित स्थान पर क्यों नहीं ले जाया गया? इस पर बाद में चर्चा की जाएगी। हमें तीर्थयात्रियों की मौत होने का दुख है।
बाढ़ से पहुंचा नुकसान
जम्मू में उफनती नदियों का जलस्तर घटने के संकेत दिखे, लेकिन अनंतनाग और श्रीनगर में झेलम नदी बाढ़ की चेतावनी के निशान को पार कर गई और पानी कई आवासीय क्षेत्रों में घुस गया, जिसके बाद अधिकारियों ने निवासियों को आश्वस्त किया कि वे स्थिति पर नजर रख रहे हैं और लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है।
अधिकारियों ने बताया कि केंद्र शासित प्रदेश में जलाशयों के उफान पर आने और अचानक आई बाढ़ के कारण कई प्रमुख पुलों, घरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों समेत सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है। दूरसंचार सेवाएं भी 22 घंटे से अधिक समय तक स्थगित रहने के बाद आंशिक रूप से बहाल हो गईं, जबकि मुख्यमंत्री अब्दुल्ला क्षेत्र की स्थिति की व्यक्तिगत समीक्षा करने के लिए श्रीनगर से जम्मू पहुंचे। इनपुट एजेंसियां Edited by : Sudhir Sharma
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