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Udaipur लौटते देव विमान के आगे रात तक भक्ति में डूबे रहे श्रद्धालु

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उदयपुर न्यूज़ डेस्क, भगवान का जयकारा लग रहा था। लौटते देव के विमान के आगे रहते हुए भगवान की भक्ति के प्रति उत्साह और प्रेम देखते ही बन रहा था। बच्चों से लेकर बड़ों को भगवान की भक्ति में डूबते देखा गया। सजावट के बीच रोशनी से नहाया उदयपुर के ऋषभदेव नगर में सब तरफ भगवान के दर्शन को लेकर भक्त इंतजार कर रहे थे।यह अवसर था दिगम्बर जैन समाज के पर्यूषण पर्व के समापन पर आयोजित दो दिवसीय रथोत्सव के दूसरे दिन शुक्रवार की रात का। लौटते देव विमान के आगे रात में भक्त भगवान की भक्ति में डूब गए।चून्दड पहने महिलाओं ने गरबा और पागधारी पुरुषों ने गेर से धूम मचा दी। आधी रात बाद रथों को निज मन्दिर लौटाने और जिन विग्रह को विराजित करने के साथ उत्सव का समापन हुआ।

रात आठ बजे भण्डार धूलेव के जवानों ने रथों को सलामी दी और पाटूना चौक से दूसरे दिन रथयात्रा आरम्भ शुरू हुई। इससे पहले पगड़ीधारी पुरुषों ने गेर रमना शुरू किया। चौक पर उनके अनुशासित फेरों और नर्तन देखने के लिए हजारों लोग जुटे थे। उपेन्द्र अणु एव दिवाकर त्रिवेदी के निर्देशन में अंचल एण्ड पार्टी आर्केस्ट्रा और ढोल की धूनों पर एक घंटा गेर रमी गई। इसके बाद चुन्दड साडी पहने महिलाओं ने गरबा नृत्य किया। रात दस बजे तक युवक-युवतियों के जोड़े डांडिया रमते हुए भगवान की भक्ति में डूब गए थे। इसके बाद चौक से रवानगी के बाद रथ यात्रा पाटूना चौक से नेहरू बाजार होती हुई सदर बाजार पहुंची वहां पर गेरीयों के साथ महिलाओं का गरबा हुआ। भण्डार धुलेव बैण्ड ने स्वर लहरियां बिखेरी।  विश्राम के दौरान जगह-जगह गेर डांडिया और तीन ताली गरबा के साथ रथयात्रा आगे बढ़ी और रात करीब 1.30 बजे ऋषभ चौक स्थित समाजसेवी राजमल कोठारी की दुकान के पास पहुंची। वहां नृत्य प्रतियोगिता के विजेताओं को सम्मानित तथा सहयोग करने वालों का आभार व्यक्त किया गया।

देर रात विजेताओं को पुरस्कृत एसएमटी परिवार की ओर से किया गया। ये पुरस्कार बेस्ट कपल, पगडी ड्रेस-अप और डांस के लिये दिए थे। पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर रहने वालों को सम्मानित किया गया। दो बजे भगवान ऋषभदेव के निज मन्दिर में रथों का प्रवेश हुआ। भगवान के जयघोष के बीच रथोत्सव का समापन हुआ।इससे पहले शाम को आचार्य पुलक सागर महाराज ससंघ पहुंचे और सर्व प्रथम जिनेन्द्र देवो की आरती की गई इसके पश्चात आचार्य की आरती की गई। रथयात्रा में दिगम्बर जैन दसा नरसिंहपुरा समाज, तीर्थ रक्षा कमेटी, नवयुवक मण्डल, महिला मण्डल, पुलक जन चेतना मंच, महिला जागृति मंच, वसुनिधि क्लब, तरूण क्रान्ति मंच, युवा परिषद आदि का सहयोग रहा।

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